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गश्ती शिविरों को उपकरणों से लैस करना
गश्ती शिविर, जिन्हें अवैध शिकार निरोधी शिविर (एंटी पोचिंग कैम्प या एपीसी ) के रूप में भी जाना जाता है, एक बाघ अभ्यारण्य के भीतर सुरक्षा की मौलिक इकाई हैं। जंगल में संवेदनशील स्थानों पररणनीतिक रूप से रखे गए गश्ती शिविर वन रक्षकों के लिए एक बेस-कैम्प के तौर पर काम करते हैं जहां से वे आसपास के इलाकों की गश्त कर सकें।इन शिविरों की सुदूरता इनमे पदस्त वन अधिकारियों के लिए कई चुनौतियाँ लाती है जिन्हें हर रोज़ ख़राब मौसम और अन्य घातक स्तिथियों से जूझना पड़ता है।
WCT फ्रंटलाइन (अग्रणी) वन कर्मचारियों की सुरक्षा और आराम में सुधार के लिए इन गश्ती शिविरों में जीवनयापन की स्तिथि में सुधार लाने की दिशा में काम करता है।
WCT इन गश्ती शिविरों को २८ आवश्यक वस्तुओं से लैस करता है जैसे की सौर चार्जिंग इकाइयां (सोलर चार्जिंग यूनिट्स), पेयजल फ़िल्टर (वाटर प्युरीफाइयर),प्राथमिक चिकित्सा किट, वॉकी-टॉकी, दूरबीन, कम्पास, टेंट, जूते इत्यादि।
अपनी तरह की इस पहली पहल के तहत WCT ने देश भर के संरक्षित क्षेत्रों (Protected Areas ) में २५०० गश्ती शिविरों को वन उपकरणों से लैस किया है। इस महत्वपूर्ण पहल ने भारत के प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार वन रक्षकों और वन मज़दूरों के मनोबल में बढ़ोतरी की है।
सौर ऊर्जा संचालित एपीसी
WCT ने हर एपीसी में सोलर इंटीग्रेटेड सिस्टम स्थापित किया है जिससे कैम्प में रौशनी के लिए ज़रूरी बिजली के साथ साथ वायरलेस सेट, टॉर्च, डिजिटल कैमरा, रिचार्जेबल बैटरी, मोबाइल फोन आदि जैसे आवश्यक उपकरणों की चार्जिंग सुविधा भी मिल जाती है। । इसस क़िस्म की २००० से अधिक इकाइयां देश भर के संरक्षित क्षेत्रों में फैले गश्ती शिविरों में स्थापित की गई हैं।
स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करना
WCT ने गीर, बांदीपुर, नागरहोल और पन्ना जैसे राष्ट्रीय उद्यानों को रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) जल निस्पंदन (फिल्ट्रैशन) इकाइयां प्रदान की हैं। इस पहल से एक केन्द्रीय जल आपूर्ति इकाई द्वारासुदूर एपीसी तक भी पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो गई है।
WCT दुर्गम इलाकों में स्थित गश्ती शिविरों को पेयजल फ़िल्टर इकाइयां भी प्रदान करता है।
मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के शिविरों में काम करने वाले अधिकारियों को, इन संयंत्रों से बहुत लाभ हुआ है।
साइट-विशिष्ट दृष्टिकोण
प्रत्येक परिदृश्य (landscape) की अपनी चुनौतियाँ होती हैं और WCT इनके अनुसार ही अपना दृष्टिकोण तैयार करता है।
जैसे सुंदरबन व्याघ्र आरक्ष में कर्मचारियों को चुलकाटी में एक फील्ड स्टेशन की आवश्यकता थी। चुने गए स्थान के एक सुदूरवर्ती दुर्गम छेत्र में होने के कारण लागत बहुत अधिक थी और फलस्वरूप सरकारी बजट अपर्याप्त। इस स्तिथि में WCT ने आगे आकर सहायता की और आज यह शिविर वनरक्षकों को को एक ऐसे २०० वर्ग किलोमीटर के जंगल में गश्त करने में सहायता करता है जो पहले उनके लिए अगम्य था।
इसी प्रकार पाक्के व्याघ्र आरक्ष में दूरदराज़ के शिविरों में भोजन पहुँचाना चुनौतीपूर्ण और महंगा दोनों ही है। ऐसे में WCT ने पाक्के के सभी शिविरों में समय से पर्याप्त राशन पहुंचाने में होने वाले खर्चे के लिए ज़रूरी धनराशि प्रदान की है।
ऊर्जा-कुशल (energy-efficient) गश्ती शिविर डिज़ाइन करना
WCT ने बांदीपुर में एक प्रारंभिक एपीसी डिज़ाइन किया है ताकि यह दिखाया जा सके कि फील्ड स्टाफ की सुविधा सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण के अनुकूल शिविर कैसे बनाए जा सकते हैं। यह एपीसी विद्युतीकरण के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करता है। जल संचयन सुविधायुक्त इस शिविर का डिज़ाइन इसमें भरपूर प्राकृतिक रोशनी सुनिश्चित करता है और साथ ही इसमे एक अंतर्निर्मित कुशल (efficient) भोजन बनाने का स्टोव है। इस शिविर को साइट पर उपलब्ध मिट्टी से बनी, प्राकृतिक रूप से इंसुलेटिंग ईंटों से बनाया जाता है।
स्टाफ गतिशीलता (mobility) में सुधार
WCT फ्रंटलाइन वन कर्मचारियों के लिए वाहनों की एक श्रृंखला दान करके राज्य सरकारों के प्रयासों में वृद्धि करता है। हमारा मानना है कि कर्मचारियों की अधिक गतिशीलता से सुदूर और संवेदनशील वन क्षेत्रों की बेहतर सुरक्षा होती है और मानव-पशु संघर्ष स्थितियों के निवारण में सुधार होता है।
WCT देश भर के वन विभागों को साइकिल, १२५cc मोटरसाइकिल, 4WD वाहन, २२-सीटर सैन्य वाहक, हाई-स्पीड मोटरबोट, पानी के टैंकर और ट्रैक्टर प्रदान करता है। ट्रकों को उन उद्यानों को दान दिया जाता है जिन्होंने एक विशेष बाघ सुरक्षा बल (एसटीपीएफ ) का गठन किया है। यह ट्रक २० गार्डों को एक इकाई के रूप में यात्रा करने की सुविधा देते हैं। ,
गर्मियों के दौरान वन्यजीवों के लिए सुदूर दुर्गम छेत्रों में वाटरहोल (waterhole) में पानी भरने के लिए वक्त पानी केटैंकर भी उपलब्ध कराता है ताकि अधिकारी, इन इलाकों में फैले वाटरहोल अधिक कुशलता से भर सके।
इसके साथ ही हम वन्यजीव अपराध की रोकथाम में अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों को प्रशिक्षित करते हैं।
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आपके द्वारा दिए गए अनुदान हमारे फील्ड कार्यों में सहायक होते हैं और हमें हमारे संरक्षण लक्ष्यों तक पहुंचाते हैं।