‘वन्यजीव एवं संरक्षण की कहानियों को संवेदनशीलता से कवर करना’, हमें इस विषय पर हिंदी और अंग्रेज़ी के पत्रकारों के लिए दो ऑनलाइन कार्यशालाओं की घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) निःशुल्क है। यह कार्यशाला वन्यजीवों एवं संरक्षण में रुचि रखने वाले सभी पत्रकारों के लिए खुली है।

इस कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पत्रकारों को वन्यजीवों और संरक्षण से जुड़ी कहानियों के तथ्यात्मक, संवेदनशील, वैज्ञानिक और गरिमापूर्ण कवरेज की आवश्यकता पर चर्चा कर उनकी रिपोर्टिंग को और अधिक सशक्त बनाना और संवेदनशील पत्रकारिता को बढ़ावा देना है।

हिंदी कार्यशाला का नेतृत्व हिंदी प्रख्यात पत्रकार हृदयेश जोशी करेंगे जो ख़ासकर अपनी पर्यावरण पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं।

अंग्रेज़ी कार्यशाला का नेतृत्व प्रसिद्ध संरक्षणवादी और पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा करेंगी, जो अपनी शानदार संरक्षण पत्रकारिता के लिए जानी जाती हैं।

दोनों कार्यशालाओं की मेज़बानी करेंगे रज़ा काज़मी, जो कि एक संरक्षणवादी, और लेखक हैं और साथ ही WCT में संरक्षण-संचारक के तौर पर कार्यरत हैं।

इस कार्यशाला (दोनों भाषाओं में) के मुख्य विषय बिंदु इस प्रकार हैं:

  1. मानव-वन्यजीव संघर्ष पर रिपोर्टिंग के दौरान उचित भाषा का उपयोग एवं उसका महत्व।
  2. ग़ैर-नकारात्मक मानव-वन्यजीव संपर्क और मानव-वन्यजीव संघर्ष के बीच अंतर।
  3. वन्यजीव अपराध रिपोर्टिंग, ऐसे अपराधों में उचित भाषा का प्रयोग, एवं वन्यजीव क़ानून के प्रति जागरूकता पैदा करने की तत्काल आवश्यकता।
  4. रिपोर्टिंग करते समय वैज्ञानिक सटीकता के उच्च मानकों को बनाए रखने का महत्व, और वन्यजीव संबंधी रिपोर्टिंग को सनसनीख़ेज़ बनाने के नकारात्मक नतीजे।
  5. अच्छी पत्रकारिता किस प्रकार मज़बूत संरक्षण प्रभाव पैदा कर सकती है?
  6. संपादकों के समक्ष वन्यजीव संरक्षण संबंधि कहानियाँ कैसे रखें?

ऑनलाइन कार्यशाला की तिथियाँ:

  • मार्च 01, 2025 (शनिवार) (अंग्रेज़ी)
  • मार्च 08, 2025 (शनिवार) (हिंदी)

समय:

दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक

पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) लिंक: https://forms.gle/H7fWMASmm35fu14z8

कृपया गूगल फ़ॉर्म लिंक के माध्यम से पंजीकरण करें। हमें कार्यशाला में आपसे मिलने का इंतेज़ार रहेगा!