पैंगोलिन, पृथ्वी पर सबसे अधिक तस्करी किये जाने वाले स्तनधारी जीव हैं। वैश्विक स्तर पर अज्ञात, लेकिन, बड़ी संख्या में पैंगोलिन को, उनके शल्क और मांस के लिए मार दिया जाता है। भारत में भी, कड़े सुरक्षात्मक उपायों के बावजूद, जीवित पैंगोलिन या उनके शल्कों की घरेलू खपत या अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए, हर साल तस्करी की जा रही है।

इसके हाथ न आनेवाले, शर्मीले स्वभाव और रात्रिचर जीवनशैली के कारण, पैंगोलिन के व्यवहार और आवास प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी की कमी है। एक प्रभावी संरक्षण रणनीति विकसित करने, और किसी भी हस्तक्षेप की प्रभावकारिता को मापने के लिए, प्रजातियों की पारिस्थितिकी को जानना महत्वपूर्ण है। इसलिए, WCT ने, मध्य प्रदेश वन विभाग के सहयोग से, भारतीय पैंगोलिन (मैनिस क्रैसिकॉडाटा) की पारिस्थितिकी और इसकी उपस्थिति और निवास स्थान के उपयोग को नियंत्रित करने वाले, प्रमुख कारकों को समझने के लिए, काम शुरू कर दिया है।

WCT research team monitoring a released Indian pangolin in the field.
WCT अनुसंधान टीम, वन क्षेत्र में छोड़े गए भारतीय पैंगोलिन की निघरानी कर रही है। फोटो: WCT

इस परियोजना के माध्यम से, एकत्र किए गए डेटा से, जंगल में पैंगोलिन का पता लगाने में, वन कर्मचारियों की प्रभावकारिता में सुधार करने में, सहायता मिलेगी और मज़बूत सुरक्षात्मक उपायों के विकास में सहायता मिलेगी। WCT, इस गुप्त रात्रि स्तनपायी पर डेटा इकट्ठा करने के लिए, रेडियो टेलीमेट्री का उपयोग कर रहा है और अपने प्रशिक्षित संरक्षण कुत्तों की सहायता ले रहा है। इस उद्देश्य से, WCT ने विशेष रूप से बचाए गए/जब्त किए गए पैंगोलिन के परिवहन के लिए, विशेष परिवहन बक्से डिज़ाइन किए हैं और उन्हें मध्य प्रदेश वन विभाग को दान कर दिये हैं।

A pangolin shifted to the release site in a specially-designed transportation box.
एक पैंगोलिन को विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए परिवहन बॉक्स में रिहाई स्थल पर स्थानांतरित कर दिया गया। फोटो: WCT


Header image photo credit: Aditya Joshi/WCT


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