काँटेदार झाऊ-चूहा
प्रकृति में उद्विकास की प्रक्रिया के दौरान अनेक जीवों ने बदलते पर्यावास में अपनी प्रजाति का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विभिन्न सुरक्षा प्रणालियों को विकसित किया है। कुछ जीवों ने सुरक्षा के लिए झुंड में रहना सीखा, तो बिना … Read More
प्रकृति में उद्विकास की प्रक्रिया के दौरान अनेक जीवों ने बदलते पर्यावास में अपनी प्रजाति का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विभिन्न सुरक्षा प्रणालियों को विकसित किया है। कुछ जीवों ने सुरक्षा के लिए झुंड में रहना सीखा, तो बिना … Read More
रेगिस्तान के जहाज़ ऊँट को उसके लम्बे समय तक बिना पानी पीये चलने की क्षमता के कारण बख़ूबी जाना जाता है । लेकिन अगर रेगिस्तान में बिना पानी लम्बे समय तक रहने का मुक़ाबला रखा जाये तो शायद ऊँट शीर्ष … Read More
कछुओं का संबंध सामान्यतः पानी से देखा जाता है । सूखे रेगिस्तान के तपते मैदानों में विचरण करते हुए कछुए का चित्रण शायद ही आमजन में सहज होगा । लेकिन भारत में कछुए की एक प्रजाति ऐसी है जिसने सूखे … Read More
पहले से ही आकर्षक प्रजाति को, अति चालाक/मायावी होने के कारण, और अधिक आकर्षक बना दिया गया है। भारत में, आज भी, हनी बेजर की पहली बार रिपोर्ट(मेल्लीवोरा कापेंसिस),जिसको रेटल भी कहा जाता है, आज भी उनका विभिन्न क्षेत्रों से… Read More
हर सुबह, एक अकेला नर गौरैया मेरे खिड़की के बाहर गुजरती टीवी केबल पर बैठकर कलरव करता है। वह सामने की छत पर बने एक स्टोर रूम की छत की दरार में अपना परिवार पाल रहा है। वह मेरा एक … Read More